क्या आप एक हफ्ते बिना मोबाइल के रह सकते है, यकीन मानिए आप नहीं रह सकते क्योंकि ये बोलने में जितना आसान है करने में उतना ही कठिन। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कोई भी हो आजकल मोबाइल का प्रयोग कर रहा है।अब इसका प्रयोग कॉल करने या मैसेज करने तक सीमित नहीं बचा है,
आजकल इसका प्रयोग ऑफिस का ईमेल, सोशल मीडिया, या YouTube – हर काम में तेजी से किया जा रहा है। तो ऐसे में बात आती है Digital Detox की, क्या आप जानते है Digital Detox क्या है? नही जानते तो परेशन होने की कोई बात नहीं है आज के लेख में Digital Detox के बारे में पूरी जानकारी दूंगा साथ ही अपना अनुभव भी शेयर करूँगा, नमस्कार मेरा नाम है शोभित राठौर और आप यह लेख हमारी वेबसाइट reviewswallah.com पर पढ़ रहे हैं।
एक समय था लगभग आज से 4 साल पहले जब मैं ज्यादा मोबाइल चलाने की लत से परेशान था। दिन में 8-9 घंटे मोबाइल चलाना तो मानो आम बात थी, बार-बार Instagram खोलना, WhatsApp की notification चेक करना, और रात को नींद से पहले घंटों तक Reels देखना – ये सब मेरा रोज का रूटीन बन गया था।
धीरे-धीरे मुझे एहसास होने लगा कि मैं खुद से कटता जा रहा हूँ। मेरा दिमाग सारा दिन व्यस्त रहता, हर वक्त मोबाइल पर ही लगा रहता था ।
काफी दिनों ऐसे ही चलता रहा मै बिल्कुल चिड़चिड़ा हो गया था, नींद भी ठीक से नहीं आती थी, और सबसे बड़ी बात – मैं घर वालो से बात नहीं करता था बस खुद में व्यस्त रहता था। यही वो समय था जब मैंने ठान लिया कि अब बस! अब मुझे एक digital detox की सख्त जरूरत है।
Digital Detox क्या है?
क्या आप जानते है Digital Detox क्या है? (What is Digital Detox in hindi ) चलिए जानते है..

Digital Detox का मतलब है- कुछ समय के लिए मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसी digital चीजों से दूर रहना ताकि हमारा दिमाग,आंखे और शरीर को आराम महसूस हो।
इस मोबाइल के ज़माने में हमारा दिमाग लगातार Notifications, Messages, Calls से घिरा रहता है। हम जान ही नहीं पाते पर ये हमारे शरीर को अंदर से बीमार करता चला जाता है। Digital Detox की मदद से हम काफी हद्द तक हम अपने – मन दिमाग और शरीर को शांत कर सकते है।
यह भी पढ़ें: आधार कार्ड खो जाने पर क्या करें पूरी जानकारी
Digital Detox क्यों ज़रूरी है?
- समय-समय पर हमारे दिमाग को भी आराम चाहिए होता है, ठीक वैसे ही जैसे हमारे शरीर को नींद चाहिए।
- लगातार मोबाइल की स्क्रीन देखने से हमारी आंखों और नींद पर असर पड़ता है।
- Digital Detox से मन की शांति और शरीर में ऊर्जा लौटकर आती है।
Digital Detox कौन कर सकता हैं?
- स्टूडेंट: आप अगर स्कूल या कॉलेज स्टूडेंट है तो आपको Digital Detox ज़रूर करना चाहिए इससे आपका पढ़ाई में मन लगेगा और एकाग्रता बढ़ेगी।
- नौकरीपेशा लोग: नौकरी या बिजनेस करने वाले लोगों को अकसर लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करना पड़ता है जिससे उनके आंखों में स्ट्रेस बढ़ता है उन्हें भी डिजिटल डिटॉक्स करना चाहिए।
- अन्य: चाहें आप युवा हो हाउसवाइफ हो या बुजुर्ग सभी लोग Digital Detox कर सकते है, इससे आंखे , शरीर और दिमाग स्वस्थ रहता है।
क्यों किया मैंने Digital Detox?

अब मै आपको अपनी बात बताता हूं। मै एक ऐसे loop में फंस गया था जहां से मैं बाहर नहीं निकल पा रहा था – हर थोड़ी देर में मोबाइल उठाता था। नोटिफिकेशन बार बार चेक करता था। घर परिवार के लोगों से अनजानों की तरह बात करता था ज्यादातर हूं हां में बात करता था। खाना खाते समय भी एक हाथ में फोन रहता था। तब मैने क्या किया:
1: मैंने अपनी स्थिति को खुद देखा:
- Screen Time रोज़ 8 से 9 घंटे तक हो रहा था।
- शारीरिक थकान हमेशा बनी रहती थी।
- रात की नींद 2-3 बजे तक आती थी और सुबह 11 बजे उठ पाता था। नींद ना आने के उपाए
- परिवार के साथ बैठे-बैठे भी हाथ में मोबाइल ही रहता था।
जब बात बहुत आगे बढ़ गई तब जा कर मुझे महसूस हुआ कि मैं अपने साथ यह क्या ये क्या कर रहा हूँ। मैने खुद से control खो दिया है और मेरा फोन के अलावा किसी चीज में मन नहीं लगता है।
2: असली वजहें क्या थीं?
- तनाव और थकावट: हर वक्त एक्टिव रहना मोबाइल स्क्रीन को लगातार देखना यही अब मुझे बीमार कर रहा था
- Social disconnect: मैं social media पर जितना एक्टिव रहता था असल दुनिया में उतना अलग-थलग पड़ गया था।
- Self Care: मैं खुद के लिए टाइम ही नहीं निकाल पा रहा था बस लेट के फोन ही चलाता रहता था।
इन्हीं सब कारणों ने मुझे मजबूर किया कि मैं कुछ दिनों के लिए मोबाइल और बाकी digital चीजों से दूरी बनाऊँ — ताकि मैं दोबारा से नॉर्मल हो सकूं।
यह भी पढ़ें: फ्रीलांसिंग क्या है इससे पैसे कैसे कमाए
Digital Detox की तैयारी कैसे की?

जब मैने तय कर लिया कि अब तो Detox करना ही है तब मैने एक-एक कर के कई कदम उठाए जिसे मैं आपको नीचे लेख में बता रहा हूँ।
1: मोबाइल से Apps Uninstall करना
मैंने सबसे पहले अपने फोन का जरूरी डेटा Google Drive पर बैकअप कर लिया। इसके बाद एक एक कर के उन Apps को फोन से अनइंस्टॉल करना चालू किया जिसे मैं सबसे ज्यादा देर यूज करता था, मैने Facebook, Instagram, Youtube और Reels वाले कुछ Apps हटाए। इसके बाद मैने PUBG जैसे गेम्स भी Uninstall किए।
2: दोस्तों और परिवार को Inform करना
फिर मैंने अपने कुछ जरूरी दोस्तों और परिवार वालों को बताया कि मैं कुछ दिनों के लिए Digital Detox कर रहा हूँ। ताकि अगर मैं online न रहूं या तुरंत reply न करूं, तो कोई परेशान ना हो, यह एक जरूरी कदम है।
3:शौकों की लिस्ट बनाना
फिर मेरे मन में एक बात आई कि — “अगर मोबाइल नहीं चलाऊंगा, तो दिनभर करूंगा क्या?”
तो जो- जो मुझे करना था उसकी मैने एक लिस्ट बनाई — किताबें पढ़ना, सुबह सैर पर जाना, डायरी लिखना, गिटार बजाना, और परिवार के साथ टाइम बिताना।
Detox के दौरान boredom से बचने के लिए ये hobbies बहुत काम आती है आप भी ट्राई करिएगा ।
4: खुद पर रोक लगाई
मैंने तय किया कि laptop पर सीमित समय के लिए जरूरी email चेक करूँगा और कॉल्स के लिए कीपैड फोन रखूँगा — ताकि मेरा काम भी न रुके और मै डिजिटल दुनिया से दूर हो सकूं।
Digital Detox में मेरा 7 दिन का अनुभव
अब बात आती है मैने ये किया कैसे और कैसे रहे मेरे ये 7 दिन, में अब आप से नीचे सारी बाते शेयर करूंगा..
Day 1: बेचैनी और आदतें
सुबह 7 बजे जैसे ही मेरी आंख खुली सबसे पहले याद आया मोबाइल कहां है। बार-बार लगता था कि कुछ मिस कर रहा हूँ। अब notifications नहीं आ रहे थे। बेचैनी तो थी, लेकिन साथ में ये भी अहसास हुआ कि इस लत में मै कितना गहरा फंसा हुआ था।
Day 2: परिवार और खुद से जुड़ाव
दूसरे दिन की शुरुआत मैंने मॉर्निंग वॉक से की, और मम्मी-पापा के साथ बैठ कर चाय भी पी। इतने दिन हो गए थे जब हमने बिना किसी रोक-टोक के इतनी सारी बातें की हों। ऐसा लगा कि ये सब मैने कहा खो दिया था।
Day 3: रचनात्मकता की वापसी
तीसरे दिन मैंने डायरी लिखना शुरू किया, जो मैने सालों से नहीं किया था। ऐसा लगा जैसे बचपन लौट आया हो। दिमाग में नए विचार आने लगे। खाली दिमाग से डर नहीं लगा, बल्कि मन शांत हुआ।
Day 4: सुकून महसूस करना
ये चौथा दिन था जब मुझे पहली बार अंदर से सुकून महसूस हुआ। बिना फोन के पूरा दिन अच्छा गया।शाम को मै टहलने गया और दोस्तों के साथ समय गुजारा। रात में नींद भी अच्छीआई।
Day 5: अंदरूनी बदलाव
अब पाँच दिन हो चुके थे मुझे साफ लगने लगा कि मेरा मूड पहले से बेहतर है। छोटी-छोटी चीज़ों में भी ख़ुशी मिलने लगी थी। खाना खाते वक्त स्वाद महसूस हुआ, बातें करते करते समय बीत जाता था।
Day 6: मोबाइल से दूरी, मन से शांति
छठवें दिन मुझे लगा की हाँ मेरे जीवन में सच में बदलाव आ रहा है। मन में कई बार आया भी 5 मिनट Instagram चला लूं पर मैने ठान लिया था कि बस अब नहीं।
Day 7: खुद से मुलाकात
सातवें दिन मैंने महसूस किया की हां अब मैं पुराना शोभित हूँ। अबतक मेरा सोचना समझना सबकुछ ठीक हो चुका था — मै अपने समय को लेकर, अपनी आदतों को लेकर, और अपने रिश्तों को लेकर सजग हो चुका था।
Detox के बाद क्या-क्या बदला?
जब 7 दिन पूरे हुए और मैंने दोबारा मोबाइल उठाया, तो मुझे खुद लगा कि हां अब मैं बदल चुका हूं और मुझमें बदलाव आ चुके है जैसे :
1: मानसिक शांति बढ़ी
अब दिमाग में एक हल्कापन महसूस हो रहा था आंखे भी पहले से काफी relax हो चुकी थी और मै अपने काम और पढ़ाई में पूरा मन लगा पा रहा था।
2: शरीर और नींद पर असर
सबसे बड़ा बदलाव हुआ मेरी नींद अब पहले से ठीक हो चुकी थी और मै अब समय से जागने और सोने लगा था।
3: जीवनशैली में बदलाव
अब मैं दिन की शुरुआत योग से करता हूँ, और हर काम अपने समय से करता हूं। खाना टाइम पर खाना, self-care और family time — सब ठीक हो चुका था।
4: सोशल मीडिया का कम प्रयोग
पहले की तरह हर 10 मिनट में Instagram या YouTube खोलने की आदत अब नहीं थी। अब मैं इन्हें तभी खोलता हूँ जब ज़रूरत हो।
Digital Detox कैसे करें?

अगर आप भी Digital Detox करना चाहते है तो मैं नीचे कुछ तरीके बताता हूं जैसे:
1: शुरुआत के आसान तरीके
- हर दिन थोड़ा- थोड़ा कर के screen time कम करें
- खाने के वक्त मोबाइल का प्रयोग न करें
- रात को सोने से 1 घंटा पहले फोन बंद कर दूर रख दें
2: समय सीमा कैसे तय करें
- शुरुआत में 1 या 2 दिन का detox प्लान बनाना आसान रहता है ।
- लाभ मिले तो बाद में इसे 7 दिन तक बढ़ा सकते है
- वीकेंड detox से शुरुआत करना आसान रहता है
3: Detox के दौरान क्या करें?
- वह कार्य करे जो बचपन में करते थे जैसे – किताबें पढ़ना, वॉक, आर्ट, डायरी राइटिंग
- परिवार और दोस्तों से बातचीत करें और बाहर घूमने जाएं
- खुद से बातें करें – मन की सुनें और समझें
4: वापसी के बाद नियम कैसे बनाएं
- सोशल मीडिया के प्रयोग का टाइम फिक्स कर लें
- Unnecessary apps uninstall ही रखें
- Screen time monitoring apps प्रयोग करें
- हफ्ते में 1 दिन detox ज़रूर करे इससे भी फर्क पड़ता है
मेरा अनुभव और राय
1: क्या इसने मेरी जिंदगी बदली?
बिलकुल, मुझे पहले कभी लगा ही नहीं कि मैं मोबाइल और स्क्रीन के बिना भी इतना ज़िंदा महसूस कर सकता हूँ। इस detox ने मुझे खुद से मिलवाया। अब मै अपना समय बर्बाद नहीं करता और बचा हुआ समय अच्छी चीजों पर लगता हूं।
2: क्या मैं दोबारा करूंगा?
जी हां, मुझे इससे बहुत फायदा हुआ है और मै इसे दोबारा जरूर करूंगा। मैने हर महीने में एक टाइम फिक्स कर लिया है इस बारे में मैने अपने परिवार को भी बताया है।
3: किन लोगों को ज़रूर करना चाहिए?
आप किसी भी उम्र के व्यक्ति हो आपको एक बार इससे जरूर करना चाहिए —
- अगर आप बार-बार notifications चेक करते हैं,
- देर रात तक Reels देखते हैं,
- अच्छी नींद नहीं आती,
- या अपने दोस्तों और परिवार से दूर हो गए है
…तो आप तुरंत इसे कर सकते है ।
खासकर स्टूडेंट्स, वर्किंग प्रोफेशनल्स, पेरेंट्स — सबको ये कम से कम एक बार तो जरूर करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: अंजीर खाने के फायदे – पूरी जानकारी
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1: क्या बिना मोबाइल के जीना मुमकिन है?
बिल्कुल,बस थोड़ा कठिन है पर नामुमकिन नहीं है। दृढ़ संकल्प और मन में चाह हो तो कुछ भी किया जा सकता है।
Q2: Detox कितने समय का रखें?
ये आपके ऊपर निर्भर करता है जैसे:
- शुरुआत 1 दिन से करें
- फिर 3 दिन या 7 दिन तक बढ़ाए
- हफ्ते में 1 दिन detox रखना भी एक अच्छी बात है
Q3: जरूरी कामों के लिए क्या उपाय?
जरूरी कामों के लिए एक कीपैड मोबाइल रखें और काम पड़ने पर ही प्रयोग करें।
Q4: बच्चों या स्टूडेंट्स के लिए Detox कैसे हो?
बच्चों को एकदम से मोबाइल से दूर करना मुश्किल होता है, इसलिए धीरे-धीरे करें।
- Outdoor गेम्स खिलाए।
- स्टोरी बुक पढ़वाए या कहानी सुनाए
- रात में बच्चों को जल्दी सुलाए।
अगर आपके कोई और सवाल है तो हमसे कमेंट्स में जरूर पूछिए..
आज आप ने क्या सीखा
इस 7 दिन के Digital Detox के बाद मेरी सबसे बड़ी सीख यही रही —
1: असली जिंदगी की अहमियत
मैने महसूस किया कि हमलोग कितना बदल गए है, पहले की सारी मौज मस्ती अब खत्म हो चुकी है। खाने का स्वाद ,दोस्तों के साथ घूमने का मजा ,परिवार के साथ बाते ये सब कही गायब सा हो गया था ।
2: मोबाइल से दूर रहकर खुद से जुड़ने का अनुभव
इस सफर में मैंने खुद को समझा। मुझे क्या अच्छा लगता है, क्या परेशान करता है — ये सब मै तब जान पाया जब स्क्रीन से दूर हुआ।
मैं आपको बताना चाहता हूं कि अब मैं खुद के लिए जीता हूं ना कि टेक्नोलॉजी के लिए अगर आप सोचते हैं कि मेरे पास समय नहीं है digital detox करने का या “मैं रह नहीं पाऊंगा बिना मोबाइल के” तो यकीन मानिए आपको सबसे ज्यादा जरूरत है Digital Detox की। एक बार कर के देखिए आप खुद में बदलाव महसूस करेंगे और समझ आएगा असली शांति मन में छिपी हुई है। अन्य आयुर्वेदिक उपायों के बारे में अधिक जानकारी के लिए AYUSH देखे।
आशा करता हु आपको हमारा लेख”Digital Detox क्या है? कैसे मैंने एक हफ्ता बिना मोबाइल के गुज़ारा” पसंद आया होगा ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहें धन्यवाद।